*महाराष्ट्र में फिर "सियासी तूफान”, क्या टूटने वाला है बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ?जानें क्या है कारण*
#conflictbetweenbjpandshivsenainmaharashtra
महाराष्ट्र की राजनीति गलियारों में आए दिन "तूफान” खड़ा हो जाता है। यहां फिर से सियासी खेल शुरू हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा में दरार आने के संकेत मिले हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद के बेटे व लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। उन्होंने भाजपा के कुछ नेताओं पर स्वार्थ की राजनीति के लिए गठबंधन को कमजोर करने का आरोप लगाया है। श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि अगर उनके काम से कोई नाराज होता है तो वह अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
श्रीकांत शिंदे का यह बयान हाल ही में कल्याण लोकसभा सीट को लेकर भाजपा के स्थानीय नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद आया है। इस बैठक में प्रस्ताव पास किया गया था कि इस सीट पर भाजपा अपने सहयोगी दल शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी। इसके बाद से भाजपा और शिवसेना के गठबंधन के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की चर्चा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक श्रीकांत शिंदे ने कहा, ‘डोंबिवली के कुछ नेता अपनी स्वार्थी राजनीति के लिए गठबंधन (भाजपा-शिंदे गुट) गठबंधन के लिए बाधाएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। भाजपा-शिवसेना का वरिष्ठ नेतृत्व जो भी उम्मीदवार तय करेगा, मैं उसका समर्थन करूंगा. हमारा लक्ष्य फिर से भाजपा-शिवसेना गठबंधन बनाना है और केंद्र में भाजपा के साथ सरकार बनाना है। हम इस दिशा में जो काम कर रहे हैं, अगर कोई इसका विरोध करता है, अगर कोई नाराज है और गठबंधन में कोई गड़बड़ी होती है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।
यह है पूरा मामला
दरअसल, एक महिला से छेड़छाड़ के मामले में भाजपा के पदाधिकारी नंदू जोशी पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसको लेकर नंदू जोशी और कई कार्यकर्ताओं का आरोप है कि डोंबिवली मानपाडा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने के पीछे शिवसेना का हाथ है। वहीं, बुधवार को डोंबिवली में राज्य के मंत्री रविंद्र चौहान के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस दौरान, शिवसेना को अलग करने का फैसला लिया गया।
*महाराष्ट्र में फिर "सियासी तूफान”, क्या टूटने वाला है बीजेपी-शिवसेना गठबंधन ?जानें क्या है कारण*
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महाराष्ट्र की राजनीति गलियारों में आए दिन "तूफान” खड़ा हो जाता है। यहां फिर से सियासी खेल शुरू हो गया है। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा में दरार आने के संकेत मिले हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद के बेटे व लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी है। उन्होंने भाजपा के कुछ नेताओं पर स्वार्थ की राजनीति के लिए गठबंधन को कमजोर करने का आरोप लगाया है। श्रीकांत शिंदे ने कहा है कि अगर उनके काम से कोई नाराज होता है तो वह अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
श्रीकांत शिंदे का यह बयान हाल ही में कल्याण लोकसभा सीट को लेकर भाजपा के स्थानीय नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद आया है। इस बैठक में प्रस्ताव पास किया गया था कि इस सीट पर भाजपा अपने सहयोगी दल शिवसेना का समर्थन नहीं करेगी। इसके बाद से भाजपा और शिवसेना के गठबंधन के बीच सबकुछ ठीक नहीं होने की चर्चा है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक श्रीकांत शिंदे ने कहा, ‘डोंबिवली के कुछ नेता अपनी स्वार्थी राजनीति के लिए गठबंधन (भाजपा-शिंदे गुट) गठबंधन के लिए बाधाएं पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे किसी पद की लालसा नहीं है। भाजपा-शिवसेना का वरिष्ठ नेतृत्व जो भी उम्मीदवार तय करेगा, मैं उसका समर्थन करूंगा. हमारा लक्ष्य फिर से भाजपा-शिवसेना गठबंधन बनाना है और केंद्र में भाजपा के साथ सरकार बनाना है। हम इस दिशा में जो काम कर रहे हैं, अगर कोई इसका विरोध करता है, अगर कोई नाराज है और गठबंधन में कोई गड़बड़ी होती है, तो मैं अपने पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।
यह है पूरा मामला
दरअसल, एक महिला से छेड़छाड़ के मामले में भाजपा के पदाधिकारी नंदू जोशी पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसको लेकर नंदू जोशी और कई कार्यकर्ताओं का आरोप है कि डोंबिवली मानपाडा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने के पीछे शिवसेना का हाथ है। वहीं, बुधवार को डोंबिवली में राज्य के मंत्री रविंद्र चौहान के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस दौरान, शिवसेना को अलग करने का फैसला लिया गया।
Mar 22 2024, 09:17